कुंडली में शुभ कर्तरी योग
Shubh Kartari yoha in kundali in hindi
शुभ कर्तरी योग क्या है (What is Shubh Kartari Yoga)- जब जन्म कुंडली के किसी भाव से एक भाव आगे और एक भाव पीछे सौम्य ग्रह बैठे हो तब उस भाव से शुभ कर्तरी योग बनता है। यदि आपको सौम्य, क्रूर और पापी ग्रहों की जानकारी नहीं है तो आप हमारे पेज सौम्य और क्रूर ग्रह पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो। जिस भाव से शुभ कर्तरी योग बन रहा होता है यदि उस भाव में कोई ग्रह बैठा हो वह भी शुभ कर्तरी के प्रभाव में आ जाता है। जन्म कुंडली के जिस भाव में शुभ कर्तरी योग बनता है उस भाव के फलों की प्राप्ति बहुत कम संघर्ष करने पर ही हो जाती है और उस भाव से सम्बंधित फल बहुत सुगमता और शीघ्रता से प्राप्त होते हैं। ऐसे ही कुंडली के जिस भाव से भी शुभ कर्तरी योग बनता है उस भाव के फल बाहर शीघ्रता और सुगमता से प्राप्त होते हैं। हम आपको नीचे उदाहरण देकर समझते हैं कि जन्म कुंडली में कैसे शुभ कर्तरी योग बनता है और यह योग कब भंग हो जाता है।
शुभ कर्तरी योग कैसे बनता है - How is Shubh Kartari yoga formed?
जैसे आप ऊपर दिए हुए जन्म कुंडली के चित्र में देख रहे हो कि इस कुंडली के दशम भाव में बुध ग्रह बैठा हुआ है और दशम भाव के एक भाव आगे अर्थात एकादश भाव में सौम्य ग्रह चंद्र बैठा हुआ है और दशम भाव के एक भाव पीछे अर्थात नवम भाव में सौम्य ग्रह शुक्र बैठा है। इस तरह से दशम भाव के दोनों और सौम्य ग्रह बैठे होने से इस भाव से शुभ कर्तरी योग बनता है। आपको पता ही होगा कि दशम भाव हमारा कर्म भाव होता है और यहाँ से नौकरी और कारोबार पर विचार किया जाता है। अब हम यहाँ पर कह सकते हैं कि दशम भाव से शुभ कर्तरी योग बनने कारोबार या नौकरी में सफलता बहुत जल्द और सुगमता से प्राप्त होगी। ऐसे व्यक्ति को बहुत कम संघर्षों करने पर ही नौकरी या कारोबार में सफलता प्राप्त हो जाती है। यहाँ पर बैठा बुध भी शुभ कर्तरी योग के प्रभाव में आ जाता है। इस तरह से बुध से जुड़े फल भी बहुत सुगमता से प्राप्त होंगे।
यहाँ पर आपको बता दें कि यदि जन्म कुंडली में शुभ कर्तरी योग बन रहा हो और भाव चलित कुंडली में यह योग भंग हो जाये तो इस योग को भंग ही समझना चाहिए। भाव चलित कुंडली की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे पेज भाव चलित कुंडली पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो।
जैसे कुंडली में शुभ कर्तरी योग बनता है ऐसे ही कुंडली में पाप कर्तरी योग भी बनता है। इसकी जानकारी के लिए आप हमारे पेज पाप कर्तरी योग पर क्लिक करें।
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नोट- नवग्रहों के बीज मंत्र की विधि|
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