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Showing posts from September, 2020

राहु बीज मंत्र विधि और लाभ - Rahu Beej Mantra in hindi

राहु बीज मंत्र का महत्व Beej Mantra of Rahu in hindi राहु बीज मंत्र विधि और लाभ - राहु और केतु छाया ग्रह होते हैं। इनको अदृश्य ग्रह भी कहा जाता है। राहु को नाग का मुख भी कहा जाता है। राहु ग्रह का प्रत्येक कुंडली में बहुत अधिक महत्व होता है। यह ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठता है, जिस राशि के साथ बैठता है और जिन ग्रहों पर अपनी दृष्टि डालता है, उन सबको प्रभावित करता है। कुंडली में राहु को शनि से भी अधिक पापी ग्रह माना गया है। राहु को शनि का छाया ग्रह कहा जाता है। राहु की तीन दृष्टियां जिन ग्रहों और भावों पर पड़ती है वह सब राहु से प्रभावित होते हैं। कुंडली में यदि राहु अच्छी स्थिति में हो तब भी यह व्यक्ति को गलत कार्यों से ही सफलता प्रदान करता है क्यूंकि राहु का कारक शराब, नशीली दवायें, जुआ-खाना, जेल, चरस, हस्पताल आदि होते हैं और यह योग कारक अर्थात बलि होने पर भी व्यक्ति को इन क्षेत्रों के द्वारा सफलता प्रदान करते हैं। राहु व्यक्ति की बुद्धि को चतुर तो करता है मगर राहु व्यक्ति की बुद्धि को उल्ट कार्यों में ही लगाता है। राहु के शुभ होने पर व्यक्ति शराबखाने, जुए, कीटनाशक दवाएं, हस्पताल, शमशा

शनि बीज मंत्र विधि और लाभ - Beej Mantra for Shani dev in hindi

शनि ग्रह बीज मंत्र   Beej Mantra for Shani dev in hindi  शनि बीज मंत्र विधि और लाभ - सबसे धीमी चाल चलने वाले शनि देव यदि किसी व्यक्ति पर प्रसन्न हो जाएं तो उस व्यक्ति को रंक से राजा बना देते हैं और यदि शनि देव अपनी क्रूर दृष्टि किसी व्यक्ति पर डाल दें तो उस व्यक्ति को राजा से रंक भी बना देते हैं| शनि ग्रह को लेकर हमारे लोगों में काफी भ्रांतियां फैलाई जाती हैं कि यदि किसी व्यक्ति के ऊपर शनि की महादशा, अंतर दशा, ढैया (2.5 वर्ष), साढ़सति (7.5 वर्ष) की दशा चलती है तो शनि देव उस व्यक्ति को कष्ट देना शुरू कर देते हैं या कई लोग इंटरनेट या टेलीविज़न में अपनी राशि के आधार पर शनि का ढैया या साढ़ेसाती की दशा का फल देखना शुरू कर देते हैं| मगर आपको बता दें कि कुंडली में शनि की स्थिति देखने के लिए काफी कुछ देखना पड़ता है और फिर हम किसी परिणाम तक पहुँच सकते हैं कि शनि आपको अच्छा फल देंगे या बुरा फल देंगे| कुंडली में शनि की अच्छी या बुरी स्थिति देखने के लिए देखा जाता है कि शनि योग कारक है या मारक, शनि कुंडली के कौन से भाव में स्थित है, शनि सूर्य के साथ अस्त है कि नहीं, शनि शत्रु राशि में स्थित तो नहीं| यह

शुक्र बीज मंत्र विधि और लाभ - Beej Mantra of Shukra Grah

शुक्र ग्रह बीज मंत्र   Beej Mantra for Shukra Grah शुक्र बीज मंत्र जपने का महत्व - कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति योग कारक और बलशाली होने पर व्यक्ति सुख-वैभव, ऐशो-आराम, सुंदर एवं सुशील पत्नी, भोगों का सुख आदि से संपन्न होता है| शुक्र दानव ग्रह होते हुए भी एक सौम्य ग्रह है|हम ऐसा भी कह सकते हैं कि शुक्र ग्रह सुख-सुविधाओं का ग्रह होता है| यह व्यक्ति को रंक से राजा बनाने वाला ग्रह होता है|  मगर यदि कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी ना हो तब उस व्यक्ति को सुख-सुविधा में कमी, पत्नी सुख में कमी, पुरुष के शुक्राणुओं में कमी, समाज में प्रतिष्ठा की कमी होती है| यदि आपकी कुंडली में शुक्र मारक होकर बैठा है, शत्रु राशि में है या त्रिक भावों में बैठा है और किसी तरह का योग इसकी काट नहीं कर रहा तब आप शुक्र ग्रह के बीज मंत्र का जाप करके शुक्र ग्रह के कारकत्व को मारकत्व में बदल सकते हो| शुक्र ग्रह का बीज मंत्र व्यक्ति को सभी प्रकार के सुख देने में समक्ष होता है| शुक्र ग्रह की कृपा होने पर व्यक्ति जगत में विख्यात होने लगता है| यदि आप अभिनेता, मॉडलिंग जैसे क्षेत्र में जाने के इच्छुक हो तो आप शुक्र बीज मं

गुरु (बृहस्पति) बीज मंत्र विधि और लाभ -Beej Mantra of Brihaspati (Guru)

बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र  Beej Mantra of Brihaspati (Guru) गुरु (बृहस्पति) बीज मंत्र विधि और लाभ - बृहस्पति (गुरु) ग्रह को ज्ञान और अध्यात्म का ग्रह कहा जाता है। सभी देवताओं यहाँ तक कि शिव, विष्णु और ब्रह्मा के गुरु भी बृहस्पति ग्रह ही हैं। धनु और मीन राशियों के स्वामी बृहस्पति (गुरु) ग्रह हैं। बृहस्पति  सौम्य और देव ग्रहों की श्रेणी में आते  है। यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति ग्रह योग कारक और बलि होकर बैठे हो तो वह व्यक्ति ज्ञानी और आध्यात्मिक होता है। यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति (गुरु) ग्रह मारक होकर बैठे हो या कुंडली के त्रिक भावों में बैठे हों और विपरीत राज योग ना बन रहा हो तब व्यक्ति में आध्यात्मिक ज्ञान की कमी, समाज में प्रतिष्ठा की कमी, कार्य क्षेत्रों में बांधा आती है। बृहस्पति ग्रह का बीज मंत्र व्यक्ति की इन अड़चनों को ख़तम करता है। वैसे भी किसी भी राशि वाला यदि बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करता है तो उसके ज्ञान में बहुत वृद्धि होती है और वह अपने ज्ञान से जगत में विख्यात होता है। याद रहे यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति (गुरु) ग्रह मारक होकर बैठा हो या त्रिक भावों में बैठा हो तब

बुध ग्रह बीज मंत्र विधि और लाभ - Beej Mantra of budh grah

बुध ग्रह बीज मंत्र Beej Mantra for Budh Grah   बुध ग्रह बीज मंत्र विधि और लाभ- बुध ग्रह को बुद्धि का ग्रह कहा जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध योग कारक होकर बलि अवस्था में हो तो उस व्यक्ति की बुद्धि बहुत तीक्षण होती है। मिथुन और कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। जिन व्यक्तिओं की लग्न या चंद्र राशि मिथुन या कन्या होती है उनको बुध के बीज मंत्र का जाप करने से बहुत लाभ प्राप्त होता है। जिस किसी की भी कुंडली में बुध ग्रह यानि बुद्धि का ग्रह योग कारक (मित्र) होकर बैठा हो उस व्यक्ति की बुद्धि इतनी तीक्षण होती है कि उनके पास हर बात का समाधान होता है। इस तरह के लोग पत्रकारिता, शिक्षक, तकनीकि, वकालत, ज्योतिष, संपादक, राजनैतिक प्रवक्ता के क्षेत्र में बहुत अच्छी पहचान बना लेते हैं। मगर जिनकी कुंडली में बुध ग्रह मारक होकर, अस्त होकर या कुंडली के त्रिक भावों (6,8,12) में बैठा हो तब किसी अच्छे ज्योतिष की परामर्श लेकर बुध के बीज मंत्र का जाप शुरू करें। वैसे किसी भी ग्रह का जाप करने के लिए आपको किसी ज्योतिष की परामर्श लेने की आवश्यकता नहीं होती है, इसके जाप से लाभ ही प्राप्त होता है। कु

मंगल ग्रह बीज मंत्र विधि और लाभ - Beej Mantra of Mangal Grah

मंगल ग्रह बीज मंत्र Beej Mantra of Mangal Grah    मंगल ग्रह बीज मंत्र विधि और लाभ- मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक राशिओं का स्वामी गृह होता है। मंगल एक उग्र स्वाभाव का गृह है। यदि किसी की कुंडली में मंगल मारक स्थिति अर्थात शत्रु ग्रह बनकर बैठा हो तब व्यक्ति को छोटी-छोटी बात पर बहुत गुस्सा आता है और मंगल की महादशा और अंतरदशा में यह प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। कुंडली में मंगल की स्थिति खराब होने से व्यक्ति को ज़मीन-जायदात से सबंधित और शत्रु से भय बना रहता है। इसकी ख़राब स्थिति व्यक्ति को करज़ाई भी बना देती है।  मंगल ग्रह बड़े भाई का कारक होता है और यदि मंगल की स्थिति ख़राब हो तो बड़े भाई से सबंध विच्छेद होने का खतरा होता है या बड़े भाई के स्वस्थ्य में परेशानी आ सकती है।   मंगल ग्रह की स्थिति ख़राब होने पर व्यक्ति को मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप करके उनको शांत करना चाहिए। मंगल ग्रह को शांत करने के लिए और भी कई प्रकार के टोटके होते हैं, जैसे मंगल की स्थिति ख़राब होने पर 5 मंगलवार धरती में 5 ताम्बे के सिक्के दबाने चाहिए और रोज़ाना सुबह उठने के बाद सबसे पहले धरती को नमस्कार करें क्यूंकि मंगल को धरती का पुत

चंद्र देव बीज मंत्र विधि और लाभ - Beej Mantra of Chandra Grah

चंद्र देव बीज मंत्र विधि और महत्व  Beej Mantra of Chandra Grah                                         चंद्र देव बीज मंत्र विधि और लाभ- चंद्र देव को कुंडली में बहुत अहम् ग्रह माना जाता है क्यूंकि चंद्र ग्रह हमारे मन का कारक गृह होता है। हमारी जन्म कुंडली में भी चंद्र राशि को बहुत महत्व दिया गया है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखते वक़्त उसकी चंद्र कुंडली और चंद्र राशि पर विचार किया जाता है क्यूंकि चंद्र मन का कारक होने के कारण हमारे मन को प्रभावित करता है इसलिए चंद्र राशि से ही व्यक्ति के स्वाभाव के बारे में विचार किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर हो या मारक हो तब उस व्यक्ति का मनोबल बहुत कम हो जाता है और वह छोटी-छोटी बात पर चिंतित रहने लगता है। इस तरह के लोगों को डिप्रेशन जैसी बीमारी होने का खतरा बना रहता है। यदि जन्म कुंडली में चंद्र योग कारक अर्थात मित्र ग्रह होकर भी बैठा हो और कमजोर अवस्था में हो तब भी चंद्र अपने फल देने में समक्ष नहीं होता है। यदि आपने पता करना है कि आपकी कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर है या बलि है तो अपनी जन्म तिथि को पंचांग में देखिये। यदि

सूर्य देव बीज मंत्र विधि और लाभ - Surya dev mantra sadhna in hindi

सूर्य देव मंत्र साधना Surya dev Mantra sadhna in hindi सूर्य देव बीज मंत्र विधि और लाभ  (Benefits of Surya dev Mantra Sadhna):- हमारी पृथ्वी में मनुष्य, जीव-जन्तुओं और वनस्पति का अस्तित्व सूर्य देव से ही संभव है। आप कल्पना करके देखिए यदि हमारे ब्रह्माण्ड में सूर्य ही ना हो तो हमारा जीवन कैसा होगा और क्या हम जीवित रह सकते हैं। हिन्दू धर्म के वैदिक ग्रंथों में सूर्य देव को नारायण का अंश कहा गया है हम ऐसे भी कह सकते हैं कि साक्षात् नारायण भगवान अपनी किरणों से समस्त जगत का पालन-पोषण कर रहे हैं। हमारे ग्रंथों में सूर्य साधना का इतना महत्व लिखा है कि यदि किसी व्यक्ति पर सूर्य देव प्रसन्न हो जाएं तो वह अपनी कृपा दृष्टि से व्यक्ति को अपने सामान चमका देते हैं और व्यक्ति को इस काबिल बना देते हैं कि वह संसार में अपने कार्यों की प्रसिद्धि से सूर्य देव के सामान एक अलग पहचान बना लेता है। सूर्य देव की साधना व्यक्ति को प्रसिद्धि दिलाती है और हम आपको आगे सूर्य देव मन्त्र और उसकी साधना की विधि बताते हैं। यदि किसी की कुंडली में सूर्य मारक स्थिति में हो तब व्यक्ति को सूर्य की महादशा और अंतरदशा में बहुत कष

हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी- 16 Sanskaar in hindi

हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी 16 Sanskaar in Hindi हिन्दू धर्म में 16 संस्कारों के कर्मकांडों का बहुत विशेष महत्व है। यह 16 संस्कार व्यक्ति के गर्भ में भ्रूण से शुरू होकर उसकी मृत्यु तक चलते हैं। हमारे हिन्दू धर्म में यह तो सबको पता है कि हिन्दू धर्म में 16 संस्कार होते हैं मगर यह 16 संस्कारों के नाम क्या होते हैं और यह कब और किस विधि से किए जाते हैं? इसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। हम आपको आगे सभी 16  संस्कारों के नाम और उसको कब और कैसे किया जाता है उसकी जानकारी देते हैं।     16 संस्कारों के नाम  (Name of 16 Sanskaar):-  हिन्दू धर्म के 16 संस्कारों को हम 4 श्रेणिओं में बाँटेंगे। जन्म के पूर्व के संस्कार 1. गर्भाधान संस्कार  2. पुंसवन संस्कार 3. सिमंतोनन्यन संस्कार जन्म से शिक्षा के पूर्व के संस्कार 4. जातकर्मन संस्कार 5. नामकरण संस्कार 6. निष्कर्मण संस्कार 7. अन्नप्राशन संस्कार 8. चूड़ाकरण संस्कार 9. कर्णभेद संस्कार शिक्षा के संस्कार 10. विद्यारंभ संस्कार  11. उपनयन संस्कार 12. वेदारंभ संस्कार 13. केशान्त संस्कार 14. समवर्त संस्कार   अन्य संस्कार 15. विवाह संस

हनुमान वशीकरण शाबर मंत्र - Hanuman Vashikaran shabar mantra

हनुमान वशीकरण शाबर मंत्र  Hanuman Vashikaran shabar mantra चेतावनी:- आज-कल के सम्य में वशीकरण मंत्र का प्रयोग ज्यादातर गलत कामों में हो रहा है| लोग इसका प्रयोग अपनी कई गलत इच्छाओं की पूर्ति के लिए कर तो लेते हैं मगर जो बाद में इसके भयानक परिणाम मिलते हैं उसके बारे में कोई नहीं जानता| याद रहे आपको अपने प्रत्येक कर्म का भोग जरूर भोगना पड़ता है| गलत कर्म का भोग सदैव खाई की तरफ धकेलता है और सही कर्म हमेशा आपको ऊंचाई की तरफ लेकर जाता है| ऐसे ही वशीकरण विद्या का प्रयोग करके कभी भी किसी की जिंदगी ख़राब मत करें|अन्यथा परिणाम भुगतने को भी तैयार रहें| याद रहें वशीकरण का प्रयोग सदैव समाज के भले के लिए ही करना चाहिए| जैसे यदि किसी बाप का बेटा उसके कहने में नहीं है और गलत संगत में पड़ गया है या किसी औरत का पति पर-स्त्री के चक्कर में पढ़ा हुआ है| तब इसका प्रयोग करना चाहिए| ऐसे और भी कई कारण हो सकते हैं|  मंत्र - Mantra ॐ वीर बजरंगी,  राम-लक्षमण के संगी,  जहाँ-जहाँ जाए, जीत के डंके बजाए,  'अमुक' को मोह कर मेरे पास लाए,  ना लाए तो अंजनी का पूत ना कहलाए,  दुहाई राम-जानकी की| Mantra in English  Om v

नमक वशीकरण शाबर मंत्र- Namak Vashikaran shabar mantra

 नमक वशीकरण शाबर मंत्र  Namak Vashikaran shabar mantra चेतावनी:-  वशीकरण मंत्र का प्रयोग कहाँ पर करना चाहिए और कहाँ पर नहीं करना चाहिए। पहले आप इसके बारे में जानकारी हासिल कर लें। वशीकरण मंत्र का प्रयोग सदैव समाज के भले के लिए करना चाहिए। जैसे किसी बाप का पुत्र उसके कहने में नहीं है और गलत संगत में पड़ चुका है या किसी औरत का पति पराई-स्त्री के संपर्क में है तब वशीकरण मंत्र का प्रयोग करना चाहिए। याद रहे इसका दुरूपयोग आपको खाई में धकेल सकता है। इस बात को चेतावनी समझ कर इस वशीकरण मंत्र का सही उपयोग करें। यदि कोई इसका दुरूपयोग करता है और उसको कोई नुकसान होता है तो हमारी कोई जिम्मेवारी नहीं होगी।    वशीकरण मंत्र-Vashikaran Mantra ॐ एक नमक रमता माता,  दूसरा नमक बिरहा से आता,  तीसरा नमक औरी-बौरी,  चौथा नमक रहे कर जोरी,  यह नमक 'अमुक' खाए,  'अमुक' को छोड़ दूसरा नहीं जाए,  दुहाई पीर औलिया की,  जो कहे सो सुने,  जो माँगे सो देह,  दुहाई गौरा-पार्वती की,  दुहाई कामाख्या देवी की,  दुहाई गुरु गोरक्षनाथ की| Vashikaran mantra in english Om ek namak ramta mata,  Dusra namak birha se aata,