बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र
Beej Mantra of Brihaspati (Guru)
गुरु (बृहस्पति) बीज मंत्र विधि और लाभ -बृहस्पति (गुरु) ग्रह को ज्ञान और अध्यात्म का ग्रह कहा जाता है। सभी देवताओं यहाँ तक कि शिव, विष्णु और ब्रह्मा के गुरु भी बृहस्पति ग्रह ही हैं। धनु और मीन राशियों के स्वामी बृहस्पति (गुरु) ग्रह हैं। बृहस्पति सौम्य और देव ग्रहों की श्रेणी में आते है। यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति ग्रह योग कारक और बलि होकर बैठे हो तो वह व्यक्ति ज्ञानी और आध्यात्मिक होता है।
यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति (गुरु) ग्रह मारक होकर बैठे हो या कुंडली के त्रिक भावों में बैठे हों और विपरीत राज योग ना बन रहा हो तब व्यक्ति में आध्यात्मिक ज्ञान की कमी, समाज में प्रतिष्ठा की कमी, कार्य क्षेत्रों में बांधा आती है। बृहस्पति ग्रह का बीज मंत्र व्यक्ति की इन अड़चनों को ख़तम करता है। वैसे भी किसी भी राशि वाला यदि बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करता है तो उसके ज्ञान में बहुत वृद्धि होती है और वह अपने ज्ञान से जगत में विख्यात होता है।
यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति (गुरु) ग्रह मारक होकर बैठे हो या कुंडली के त्रिक भावों में बैठे हों और विपरीत राज योग ना बन रहा हो तब व्यक्ति में आध्यात्मिक ज्ञान की कमी, समाज में प्रतिष्ठा की कमी, कार्य क्षेत्रों में बांधा आती है। बृहस्पति ग्रह का बीज मंत्र व्यक्ति की इन अड़चनों को ख़तम करता है। वैसे भी किसी भी राशि वाला यदि बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करता है तो उसके ज्ञान में बहुत वृद्धि होती है और वह अपने ज्ञान से जगत में विख्यात होता है।
याद रहे यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति (गुरु) ग्रह मारक होकर बैठा हो या त्रिक भावों में बैठा हो तब बृहस्पति गृह का रत्न पीला पुखराज कभी भी धारण नहीं करना चाहिए। किसी भी गृह का रत्न कुंडली में योग कारक होने पर ही धारण करना चाहिए। मगर यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह मारकेश है, अस्त है या त्रिक भावों में बैठ कर आपको पीड़ित कर रहा है तो बृहस्पति (गुरु) ग्रह का बीज मंत्र का जप करके आप निवारण कर सकते हो।
बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र-Beej Mantra of Brihaspati (Guru)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे: नमः
ॐ ब्रं बृहस्पति नमः
Brihaspati (Guru) Beej Mantra in English
Om Gram Grim Grom Sah Gurve Namha.
Om Bram Brihaspati Namha.
बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र की विधि (Brihaspati or Guru Beej Mantra ki vidhi): * बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बीज मंत्र का जाप आपने किसी गुरुवार को शुरू करना है और जाप करने का समय सुबह का होना चाहिए।
* पहले दिन जाप शुरू करने से पहले आपने गणेश पूजा, गुरु पूजा और कुलदेव की पूजा जरूर करनी है।
* जाप करने के लिए पीले रंग का आसन प्रयोग करना है और देसी घी का दीपक, धूप और पीले पुष्प का प्रयोग करना है।
*बृहस्पति ग्रह बीज मंत्र साधना में बृहस्पति यन्त्र को पूजा स्थान में स्थापित करके जाप करने से विशेष लाभ होता है। यन्त्र को खरीदने के लिए सिद्ध बृहस्पति यन्त्र पर क्लिक करें। जब मंत्र साधना सम्पूर्ण हो जाये तो यन्त्र को बहते पानी में विसर्जित कर दें।
* जाप के लिए तुलसी,हल्दी या रुद्राक्ष की माला को हल्दी लगाकर जाप करना है।
* यदि कुंडली में बृहस्पति मारकेश या पीड़ित है तब केले के वृक्ष को जल देना है या केले, चने की दाल, पीले लड्डू, सोने आदि का दान करना है, मगर यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह योग कारक है तो कभी भी बृहस्पति से सम्बंधित दान मत करें।
बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र के लाभ (Brihaspati or Guru Beej Mantra Benefits): बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बीज मंत्र का जाप करने से व्यक्ति में अध्यात्म ज्ञान की प्राप्ति होती है और व्यक्ति जगत में एक अलग पहचान बना लेता है। यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति ग्रह बलि हो जाये तो उसकी 90 मुश्किलें वैसे ही समाप्त हो जाती हैं। बृहस्पति के मंत्र जाप से घर में सुख-शांति, विवाह में आ रही बांधा का निवारण और कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है।
* जाप के लिए तुलसी,हल्दी या रुद्राक्ष की माला को हल्दी लगाकर जाप करना है।
* यदि कुंडली में बृहस्पति मारकेश या पीड़ित है तब केले के वृक्ष को जल देना है या केले, चने की दाल, पीले लड्डू, सोने आदि का दान करना है, मगर यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह योग कारक है तो कभी भी बृहस्पति से सम्बंधित दान मत करें।
बृहस्पति (गुरु) बीज मंत्र के लाभ (Brihaspati or Guru Beej Mantra Benefits): बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बीज मंत्र का जाप करने से व्यक्ति में अध्यात्म ज्ञान की प्राप्ति होती है और व्यक्ति जगत में एक अलग पहचान बना लेता है। यदि किसी की कुंडली में बृहस्पति ग्रह बलि हो जाये तो उसकी 90 मुश्किलें वैसे ही समाप्त हो जाती हैं। बृहस्पति के मंत्र जाप से घर में सुख-शांति, विवाह में आ रही बांधा का निवारण और कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है।
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नोट- नवग्रहों के बीज मंत्र की विधि|
*सूर्य बीज मंत्र *चंद्र बीज मंत्र *मंगल बीज मंत्र
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