बाबा बालक नाथ चालीसा Baba Balak Nath Chalisa in hindi दोहा गुरु चरणों में सीस धर करूँ मैं प्रथम प्रणाम, बख्शो मुझको बाहुबल सेव करुं निष्काम, रोम-रोम में रम रहा रूप तुम्हारा नाथ, दूर करो अवगुण मेरे, पकड़ो मेरा हाथ| चालीसा बालक नाथ ज्ञान भंडारा, दिवस-रात जपु नाम तुम्हारा| तुम हो जपी-तपी अविनाशी, तुम ही हो मथुरा काशी| तुम्हरा नाम जपे नर-नारी, तुम हो सब भक्तन हितकारी| तुम हो शिव शंकर के दासा, पर्वत लोक तुमरा वासा| सर्वलोक तुमरा यश गावे, ऋषि-मुनि तव नाम ध्यावे| काँधे पर मृगशाला विराजे, हाथ में सुन्दर चिमटा साजे| सूरज के सम तेज तुम्हारा, मन मंदिर में करे उजियारा| बाल रूप धर गऊ चरावे, रत्नों की करी दूर वलावें| अमर कथा सुनने को रसिया, महादेव तुमरे मन बसिया| शाह तलाईयाँ आसन लाए, जिस्म विभूति जटा रमाए| रत्नों का तू पुत्र कहाया, जिमींदारों ने बुरा बनाया| ऐसा चमत्कार दिखलाया, सब के मन का रोग गवाया| रिद्धि-सिद्धि नव-निधि के दाता, मात लोक के भाग्य विधाता| जो नर तुम्हरा नाम धयावे, जन्म-जन्म के दुख बिसरावे| अंतकाल जो सिमरन करहि, सो नर मुक्ति भाव से मरहि| संकट कटे मिटे सब रोगा, बालक
Comments
Post a Comment