पन्ना रत्न धारण करने के लाभEmerald stone benefits in hindi
पन्ना रत्न के लाभ और पहचान (Benefits of Emerald Stone):- पन्ना रत्न बुध ग्रह का रत्न होता है। इस रत्न को बुध ग्रह के बल को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। बुध ग्रह हमारी बुद्धि का कारक ग्रह होता है और इसके रत्न पन्ना को धारण करने से हमारी बुद्धि का बल बढ़ता है और हमारी समरण शक्ति बढ़ती है। पन्ना रत्न धारण करने से व्यक्ति को ज्योतिष, पत्रकारी, शिक्षक, वकालत के क्षेत्र में लाभ मिलता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध सूर्य से अस्त हो या बलहीन हो तब इसका रत्न पन्ना को धारण करने से बुध ग्रह को बल मिलता है। इसके अतिरिक्त बुध ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठा हो, जिन भावों में उसकी मिथुन और कन्या राशि हो और जिन भाव पर बुध की दृष्टि हो, पन्ना रत्न धारण करने से उन भावों के फलों में वृद्धि होती है।
रत्न क्यों धारण करना चाहिए ? - ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने पिछले जन्म के संचित कर्मों को साथ लेकर जन्म लेता है और उसके पिछले जन्म के संचित कर्मों के मुताबिक उसकी जन्म कुंडली का निर्माण होता है और उसके कर्मों के हिसाब से उसकी कुंडली में ग्रह उसको अच्छा और बुरा फल देने के लिए अलग अलग भावों में बैठते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 ग्रहों की रश्मियां प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करके उसको अच्छा या बुरा परिणाम देती हैं। ज्योतिष शास्त्र का गणित हमें यह बताता है कि हमारी जन्म कुंडली में कौन-कौन से ग्रह योग कारक अर्थात अच्छा फल देने वाले और कौन-कौन से ग्रह मारक अर्थात बुरा फल देने वाले बैठे हैं। जब हमें यह पता चल जाता है कि हमारे लिए कौन-कौन से ग्रह अच्छे और बुरे हैं तो सुभाविक बात है कि योग कारक ग्रह अर्थात अच्छा फल देने वाले ग्रहों की अधिक प्रभाव में रश्मियां हमारे ऊपर पड़ेंगी तो हमें अधिक अच्छे परिणाम मिलेंगे और यदि कम पड़ेंगी तो कम अच्छे परिणाम मिलेंगे। ऐसे ही यदि कुंडली में किसी योग कारक ग्रह अर्थात अच्छा फल देने वाले ग्रह का बल कम हो, वह सूर्य के साथ अस्त हो या षटबल में कमजोर हो तब उस ग्रह से सबंधित रत्न धारण करके उसके बल को बढ़ाया जाता है। किसी ग्रह का रत्न एक चुम्बक ( Magnet) की तरह कार्य करता है। किसी ग्रह से सम्बंधित रत्न उसकी रश्मियों को ग्रहण करके व्यक्ति में संचार करने का कार्य करता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह जिस भाव में बैठा हो, जिन भावों पर उसकी दृष्टि हो, जिन भावों में उसकी राशियां हों या जो ग्रह के कारकत्व हो, ग्रह उसका फल ही देते हैं। ऐसे ही यदि कुंडली में मारक ग्रह अर्थात बुरा फल देने वाले ग्रहों से सम्बंधित रत्न धारण कर लिया जाये तो उस ग्रह का बल बढ़ने से बुरे परिणाम अधिक मिलने शुरू हो जाते हैं। इसलिए कभी भी मारक ग्रह का रत्न धारण मत करें।
पन्ना रत्न (Emerald Stone) धारण करने के नियम :- प्रत्येक ग्रह के रत्न को धारण करने के कुछ नियम होते हैं यदि बुध की कुंडली में गलत स्थिति होने पर इसका रत्न पन्ना को धारण कर लिया जाये तो आपको लाभ के स्थान पर नुकसान हो सकता है। यदि कुंडली में बुध ग्रह योग कारक होकर किसी अच्छे भाव अर्थात त्रिकोण भाव ( , केंद्र भाव ( या किसी अन्य अच्छे भाव में बैठे हों तभी इसका रत्न पन्ना को धारण करना चाहिए। यदि कुंडली में बुध ग्रह मारकेश हो या किसी बुरे भाव अर्थात त्रिक भाव ( या अन्य बुरे भाव में बैठा हो तब किसी अच्छे ज्योतिष की परामर्श से ही रत्न धारण करें। यदि आपको कुंडली में योग कारक और मारक ग्रह की पहचान करनी नहीं आती है तो आप हमारे पेज योग कारक और मारक ग्रह पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो।
पन्ना रत्न की पहचान (How to identify emerald stone):- बाजार और ऑनलाइन बिकने वाले ज्यादातर पन्ना रत्न इसके उपरत्न होते हैं। यह असली पन्ना की श्रेणी में नहीं आते हैं। मगर यदि कोई ज्यादा पैसे खर्च नहीं कर सकता है तो वह इसके उपरत्न को धारण करके भी लाभ प्राप्त कर सकता है। पन्ना रत्न सिर्फ ज़िम्बावे का ही धारण करना चाहिए। इसको ज़ाम्बियान पन्ना कहा जाता है। इसकी कीमत की बात की जाये तो यह ज़ाम्बियान पन्ना 500 से लेकर 5000 रुपये प्रति रत्ती तक मिलता है। यदि आप असली और प्रमाणित ज़ाम्बियान पन्ना खरीदना चाहते हो तो आप ज़ाम्बियन पन्ना पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो।
पन्ना रत्न कब और कैसे रत्न धारण (When and how to wear emerald stone):- करें पन्ना रत्न को बुधवार वाले दिन को धारण करना चाहिए। पन्ना रत्न चांदी की अंगूठी में कनिष्ठा ऊँगली में धारण करना चाहिए। इसको धारण करने से पहले इसको गंगाजल से शुद्ध करके पूजा स्थान में रखकर बुध ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें और उसके बाद ही इसको धारण करें।
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नोट- नवग्रहों के बीज मंत्र की विधि|
*सूर्य बीज मंत्र *चंद्र बीज मंत्र *मंगल बीज मंत्र
*बुध बीज मंत्र *गुरु बीज मंत्रगुरु बीज मंत्र *शुक्र बीज मंत्र
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