ग्रहों की उच्च और नीच राशियां
Grah ki uch aur Neech Rashi
आपने पिछले अध्यय में पढ़ा हैं कि कुंडली के बारह भावों में कोई ना कोई नंबर होता हैं, यह नंबर राशिओं के होते हैं| पिछले अध्यय में आप राशि के नंबरों से उसकी पहचान करना सीख चुके हो|
आपने देखा होगा कि कुंडली के बारह भावों में गृह किसी राशि नंबर के साथ होते हैं| ऐसे ही प्रत्येक गृह की एक उच्च और एक नीच राशि होती है, इसकी पहचान करने से पहले आप पिछले अध्याय में जाकर राशि के नंबरों से उनकी पहचान करना सीख लें| यदि कोई गृह अपनी उच्च राशि में बैठा हो तो उसका स्वाभाव अच्छे फल देने का होता है और ज्यादा बलशाली हो जाता है, ऐसे ही गृह अपनी नीच राशि में बुरे फल देता है| नीचे आपको उदाहरण देकर बताएँगे कि कैसे उच्च और नीच गृह की पहचान की जा सकती है|
आप ऊपर 2 चित्र देख रहे हो, उसमें चित्र नंबर 1 में सूर्य प्रथम भाव में 1 नंबर राशि( मेष ) के साथ बैठा है, तो यहाँ पर सूर्य उच्च राशि का हुआ|यहाँ पर कोई गृह किसी भी भाव में बैठा हो, मगर आपने उच्च और नीच गृह को उसकी राशि के हिसाब से देखना है, जैसे चित्र नंबर 1 में सूर्य 1 नंबर राशि(मेष) के साथ बैठ कर उच्च का हो जाता है ऐसे ही आप चित्र नंबर 2 में देखें कि इस कुंडली में सूर्य नवमं भाव में 1 नंबर(राशि) के साथ बैठा है, यहाँ पर भी इसको उच्च राशि ही मानना है, यहाँ पर कुंडली के भाव से कोई लेना देना नहीं है, सिर्फ कुंडली के 6, 8 और 12 भाव में यदि कोई गृह उच्च का होकर भी बैठा हो, तो भी वह अच्छा फल नहीं देता, जब तक के उसके ऊपर विपरीत राज्य योग की स्थिति लागू ना होती हो| कुंडली के 3 भाव 6, 8, 12 कुंडली के बुरे भाव माने जाते हैं, इनको कुंडली में त्रिक भाव भी कहा जाता है|अभी आपको सभी ग्रहों की उच्च और नीच राशिओं की उदाहरण देकर समझाते हैं|
आप ऊपर 2 चित्र देख रहे हो, उसमें चित्र नंबर 1 में सूर्य प्रथम भाव में 1 नंबर राशि( मेष ) के साथ बैठा है, तो यहाँ पर सूर्य उच्च राशि का हुआ|यहाँ पर कोई गृह किसी भी भाव में बैठा हो, मगर आपने उच्च और नीच गृह को उसकी राशि के हिसाब से देखना है, जैसे चित्र नंबर 1 में सूर्य 1 नंबर राशि(मेष) के साथ बैठ कर उच्च का हो जाता है ऐसे ही आप चित्र नंबर 2 में देखें कि इस कुंडली में सूर्य नवमं भाव में 1 नंबर(राशि) के साथ बैठा है, यहाँ पर भी इसको उच्च राशि ही मानना है, यहाँ पर कुंडली के भाव से कोई लेना देना नहीं है, सिर्फ कुंडली के 6, 8 और 12 भाव में यदि कोई गृह उच्च का होकर भी बैठा हो, तो भी वह अच्छा फल नहीं देता, जब तक के उसके ऊपर विपरीत राज्य योग की स्थिति लागू ना होती हो| कुंडली के 3 भाव 6, 8, 12 कुंडली के बुरे भाव माने जाते हैं, इनको कुंडली में त्रिक भाव भी कहा जाता है|अभी आपको सभी ग्रहों की उच्च और नीच राशिओं की उदाहरण देकर समझाते हैं|
1. सूर्य की उच्च और नीच राशि (Surya ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर आप चित्र नंबर. 3 में देख रहें हैं कि सूर्य 1 नंबर राशि(मेष) में बैठा है तो यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 4 में सूर्य 7 नंबर राशि(तुला) में बैठा है, अब यह उसकी नीच राशि है|
2. चंद्र की उच्च और नीच राशि(chandra ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर 5 में चंद्र 2 नंबर राशि (वृषभ) में बैठा है यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 6 में चंद्र 8 नंबर राशि(वृश्चिक) के साथ बैठा है यह चंद्र की नीच राशि है|
3. मंगल की उच्च और नीच राशि(Mangal ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर 7 में मंगल राशि नंबर 10 (मकर) में बैठा हुआ है, यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 8 में मंगल 4 नंबर राशि(कर्क) में बैठा हुआ है यह उसकी नीच राशि है|
यहाँ पर चित्र नंबर 7 में मंगल राशि नंबर 10 (मकर) में बैठा हुआ है, यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 8 में मंगल 4 नंबर राशि(कर्क) में बैठा हुआ है यह उसकी नीच राशि है|
4. बुध की उच्च और नीच राशि(Budh ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर. 9 में बुध राशि नंबर 6(कन्या) में बैठा हुआ है, यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 10 में बुध 12 नंबर राशि(मीन) में बैठा हुआ है, यह उसकी नीच राशि है|
5. बृहस्पति(गुरु)की उच्च और नीच राशि(Brahaspati (Guru) ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर 11 में बृहस्पति 4 नंबर राशि(कर्क) में बैठा हुआ है, यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 12 में बृहस्पति 10 नंबर राशि(मकर) के साथ बैठा हुआ है, यह उसकी नीच राशि है|
6. शुक्र की उच्च और नीच राशि( Shukr ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर 13 में शुक्र राशि नंबर 12(मीन) में बैठा हुआ है यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 14 में शुक्र राशि नंबर 6 (कन्या) में बैठा हुआ है, यह उसकी नीच राशि है|
7. शनि की उच्च और नीच राशि(Shani ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर 15 में शनि 7 नंबर राशि(तुला) में बैठा हुआ है, यह उसकी उच्च राशि है और चित्र नंबर 16 में शनि 1 नंबर राशि(मेष) में बैठा हुआ है, यह शनि की नीच राशि है|
8. राहु की उच्च और नीच राशि(Rahu ki uch aur neech raashi):- राहु और केतु की 2 उच्च और नीच राशियां होती हैं|
यहाँ पर चित्र नंबर 17 में राहु राशि नंबर 2 और 3 (वृषभ और मिथुन) में उच्च का होता है और चित्र नंबर 18 में राहु राशि नंबर 8, 9 (वृश्चिक और धनु) में नीच का होता है|
9. केतु की उच्च और नीच राशि(Ketu ki uch aur neech rashi):-
यहाँ पर चित्र नंबर 19 में केतु राशि नंबर 8, 9 (वृश्चिक और धनु) में उच्च का होता है और चित्र नंबर 20 में केतु राशि नंबर 2, 3 (वृषभ और मिथुन) में नीच का हो जाता है|
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