मूंगा (Coral) रत्न धारण करने के लाभ Coral Stone (Munga) benefits in hindi
मंगल रत्न मूंगा (Coral Stone) धारण करने के लाभ (Coral Stone benefits in hindi): मूंगा रत्न मंगल ग्रह के बल को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। मंगल ग्रह को ऊर्जा का कारक ग्रह मन जाता है और इसका रत्न धारण करने से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है। मूंगा धारण करने से भूमि अर्थात प्रॉपर्टी से जुडी अड़चने ख़तम होती हैं। मूंगा रत्न धारण करने से राजनीति में सफलता प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त मंगल ग्रह कुंडली में जिस भाव में बैठे हों, जिस भाव में उनकी राशियां मेष और वृश्चिक हों और जिन भावों पर मंगल की तीन दृष्टियां हो, मूंगा रत्न धारण करने से उन भावों के फलों की वृद्धि होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने पिछले जन्म के संचित कर्मों को साथ लेकर जन्म लेता है और उसके पिछले जन्म के संचित कर्मों के मुताबिक उसकी जन्म कुंडली का निर्माण होता है और उसके कर्मों के हिसाब से उसकी कुंडली में ग्रह उसको अच्छा और बुरा फल देने के लिए अलग अलग भावों में बैठते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 ग्रहों की रश्मियां प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करके उसको अच्छा या बुरा परिणाम देती हैं। ज्योतिष शास्त्र का गणित हमें यह बताता है कि हमारी जन्म कुंडली में कौन-कौन से ग्रह योग कारक अर्थात अच्छा फल देने वाले और कौन-कौन से ग्रह मारक अर्थात बुरा फल देने वाले बैठे हैं। जब हमें यह पता चल जाता है कि हमारे लिए कौन-कौन से ग्रह अच्छे और बुरे हैं तो सुभाविक बात है कि योग कारक ग्रह अर्थात अच्छा फल देने वाले ग्रहों की अधिक प्रभाव में रश्मियां हमारे ऊपर पड़ेंगी तो हमें अधिक अच्छे परिणाम मिलेंगे और यदि कम पड़ेंगी तो कम अच्छे परिणाम मिलेंगे। ऐसे ही यदि कुंडली में किसी योग कारक ग्रह अर्थात अच्छा फल देने वाले ग्रह का बल कम हो, वह सूर्य के साथ अस्त हो या षटबल में कमजोर हो तब उस ग्रह से सबंधित रत्न धारण करके उसके बल को बढ़ाया जाता है। किसी ग्रह का रत्न एक चुम्बक ( Magnet) की तरह कार्य करता है। किसी ग्रह से सम्बंधित रत्न उसकी रश्मियों को ग्रहण करके व्यक्ति में संचार करने का कार्य करता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह जिस भाव में बैठा हो, जिन भावों पर उसकी दृष्टि हो, जिन भावों में उसकी राशियां हों या जो ग्रह के कारकत्व हो, ग्रह उसका फल ही देते हैं। ऐसे ही यदि कुंडली में मारक ग्रह अर्थात बुरा फल देने वाले ग्रहों से सम्बंधित रत्न धारण कर लिया जाये तो उस ग्रह का बल बढ़ने से बुरे परिणाम अधिक मिलने शुरू हो जाते हैं। इसलिए कभी भी मारक ग्रह का रत्न धारण मत करें।
मूंगा रत्न धारण करने के नियम: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह योग कारक होकर किसी अच्छे भाव अर्थात त्रिकोण भाव (1, 5, 9) केंद्र भाव (4, 7, 10) या किसी अन्य अच्छे भाव में बैठे हों तब मंगल ग्रह का रत्न मूंगा धारण करना चाहिए। यदि मंगल ग्रह कुंडली में मारक हो या त्रिक भाव (6, 8, 12) या किसी अन्य बुरे भाव में बैठे हो तब मूंगा रत्न धारण करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिष से परामर्श ले लेना चाहिए। यदि आप योग कारक और मारक ग्रहों की पहचान करना नहीं जानते हो तो आप हमारे पेज योग कारक और मारक ग्रह पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो। कुंडली में यदि मंगल ग्रह अच्छी थिति में विराजित होकर सूर्य के साथ अस्त हो गए हों या षटबल में कमजोर हों तब मंगल ग्रह का रत्न मूंगा धारण करके इसके बल को बढ़ाना चाहिए।
मूंगा रत्न की पहचान कैसे करें (How to testing coral stone): मूंगा रत्न एक विशेष प्रकार की लकड़ी का बना हुआ होता है। लकड़ी को सुरक्षित रखने के लिए उसके ऊपर लाल रंग की कोटिंग की जाती है। मगर ज्यादातर ऑनलाइन बिकने वाला मूंगा रत्न लाल रंग का सिंथेटिक का होता है। यदि आपने मूंगा रत्न की पहचान करनी है तो आप मूंगे को किसी एक स्थान पर रख दें और अपनी ऊँगली से उसके ऊपर एक पानी की बूँद लगाएं। यदि पानी की बूँद फ़ैल जाए तो समझ लें के यह सिंथेटिक का नकली मूंगा है और यदि वह पानी की बूँद मूंगा रत्न पर अपनी पकड़ बनाकर वैसी ही रहे तो समझ लें कि मूंगा रत्न असली है। यदि आप असली लकड़ी का मूंगा खरीदना चाहते हो तो मूंगा रत्न पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो। इस रत्न की कीमत की बात की जाये तो यह 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक प्रति रत्ती के हिसाब से मिलता है।
मूंगा रत्न कब और कैसे धारण करें (When and how to wear Coral or Munga stone): मूंगा रत्न को किसी भी मंगलवार वाले दिन को धारण करना चाहिए। मूंगा रत्न धारण करने से पहले उसे गंगाजल से शुद्ध करके किसी पूजा स्थान में रखकर मंगल बीज मंत्र का जाप करके धारण करना चाहिए। मूंगा रत्न को ताम्बे या सोने की अंगूठी या लॉकेट में धारण करना चाहिए।
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नोट- नवग्रहों के बीज मंत्र की विधि|
*सूर्य बीज मंत्र *चंद्र बीज मंत्र *मंगल बीज मंत्र
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