सुच्चा मोती रत्न के लाभ Pearl (Sucha Moti) Stone Benefits in hindi
सुच्चा मोती रत्न धारण करने के लाभ (Pearl stone benefits in hindi): सुच्चा मोती रत्न धारण करने से चंद्र ग्रह को बल मिलता है और व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है। सुच्चा मोती रत्न चंद्र ग्रह का रत्न होता है और चंद्र ग्रह हमारे मन का कारक होता है। सुच्चा मोती धारण करने से व्यक्ति का गुस्सा भी नियंत्रण होता है, इसको धारण करने से व्यक्ति की दिमागी क्षमता बढ़ती है, इसको धारण करने से माता का स्वस्थ्य अच्छा रहता है। सुच्चा मोती धारण करने के लिए भी ज्योतिष शास्त्र में कुछ नियम बताएं गए हैं। यदि आपकी कुंडली में यह नियम लागू होते हैं तभी आप सुच्चा मोती रत्न धारण करके लाभ प्राप्त कर सकते हो अन्यथा कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति गलत होने पर यह रत्न आपको लाभ के स्थान पर नुकसान भी दे सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने पिछले जन्म के संचित कर्मों को साथ लेकर जन्म लेता है और उसके पिछले जन्म के संचित कर्मों के मुताबिक उसकी जन्म कुंडली का निर्माण होता है और उसके कर्मों के हिसाब से उसकी कुंडली में ग्रह उसको अच्छा और बुरा फल देने के लिए अलग अलग भावों में बैठते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 ग्रहों की रश्मियां प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावित करके उसको अच्छा या बुरा परिणाम देती हैं। ज्योतिष शास्त्र का गणित हमें यह बताता है कि हमारी जन्म कुंडली में कौन-कौन से ग्रह योग कारक अर्थात अच्छा फल देने वाले और कौन-कौन से ग्रह मारक अर्थात बुरा फल देने वाले बैठे हैं। जब हमें यह पता चल जाता है कि हमारे लिए कौन-कौन से ग्रह अच्छे और बुरे हैं तो सुभाविक बात है कि योग कारक ग्रह अर्थात अच्छा फल देने वाले ग्रहों की अधिक प्रभाव में रश्मियां हमारे ऊपर पड़ेंगी तो हमें अधिक अच्छे परिणाम मिलेंगे और यदि कम पड़ेंगी तो कम अच्छे परिणाम मिलेंगे। ऐसे ही यदि कुंडली में किसी योग कारक ग्रह अर्थात अच्छा फल देने वाले ग्रह का बल कम हो, वह सूर्य के साथ अस्त हो या षटबल में कमजोर हो तब उस ग्रह से सबंधित रत्न धारण करके उसके बल को बढ़ाया जाता है। किसी ग्रह का रत्न एक चुम्बक ( Magnet) की तरह कार्य करता है। किसी ग्रह से सम्बंधित रत्न उसकी रश्मियों को ग्रहण करके व्यक्ति में संचार करने का कार्य करता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह जिस भाव में बैठा हो, जिन भावों पर उसकी दृष्टि हो, जिन भावों में उसकी राशियां हों या जो ग्रह के कारकत्व हो, ग्रह उसका फल ही देते हैं। ऐसे ही यदि कुंडली में मारक ग्रह अर्थात बुरा फल देने वाले ग्रहों से सम्बंधित रत्न धारण कर लिया जाये तो उस ग्रह का बल बढ़ने से बुरे परिणाम अधिक मिलने शुरू हो जाते हैं। इसलिए कभी भी मारक ग्रह का रत्न धारण मत करें।
सुच्चा मोती रत्न धारण करने के नियम: जैसा के आपको ऊपर बताया गया है कि सुच्चा मोती व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाता है और व्यक्ति को शांत रखता है। मगर यदि चंद्र ग्रह कुंडली में मारक स्थिति में या त्रिक भाव (6,8,12) में बैठा हो तब चंद्र ग्रह का रत्न सुच्चा मोती धारण नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में आप कोई चांदी का आभूषण धारण कर सकते हो। यदि कुंडली में चंद्र ग्रह योग कारक हो और कुंडली के त्रिकोण भाव (1, 5, 9) या केंद्र भाव (4, 7, 10) में स्थित हो तब आप चंद्र ग्रह का रत्न धारण करके उसका बल बड़ा सकते हो। यदि कुंडली में चंद्र ग्रह योग कारक होकर पक्षबली ना हो तब भी आप सुच्चा मोती धारण कर सकते हो। यदि आप कुंडली में योग कारक और मारक ग्रह की पहचान नहीं कर सकते हो तो आप हमारे पेज योग कारक और मारक ग्रह पर क्लिक करके जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
सुच्चा मोती की पहचान कैसे करें (How to identify real Pearl stone) भारत के दक्षिण क्षेत्र में सुच्चा मोती की काफी खेती की जाती है। यह रत्न इतना कीमती नहीं होता है। सुच्चा मोती रत्न सफ़ेद, हल्का पीला काला और गुलाबी रंग में भी आता है। दक्षिण समुन्द्र से प्राप्त रत्न काफी कीमती होता है। यदि आप सिप्पी वाला असली रत्न खरीदना चाहते हो तो आप सिप्पी मोती रत्न पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हो।
सुच्चा मोती रत्न कब और कैसे धारण करें (When and How wear Pearl Stone) सुच्चा मोती रत्न को सोमवार या पूर्णिमा के दिन धारण करना चाहिए। सुच्चे मोती को चांदी की अंगूठी में कनिष्ठा या मध्यमा ऊँगली में धारण किया जाता है। सुच्चा मोती धारण करने से पहले उसे गंगाजल में कुछ दूध डाल कर उसे शुद्ध कर लें और अंगूठी या लॉकेट को पूजा स्थान में रखकर ॐ सौं सोमाय नमः मंत्र का एक माला अर्थात 108 बार जाप करके धारण करें।
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नोट- नवग्रहों के बीज मंत्र की विधि|
*सूर्य बीज मंत्र *चंद्र बीज मंत्र *मंगल बीज मंत्र
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