मेष राशि (Mesh Rashi)- Aries Zodiac
मेष राशि का अंग्रेजी और संस्कृत नाम:- अंग्रेजी में मेष राशि को एरीज( Aries Zodiac) कहते हैं और संस्कृत में इसको अज, विश्व, तुम्बुर, आघ आदि नामों से पुकारा जाता है|यह राशि कुंडली में पहले स्थान पर आती है|
मेष राशि का रूप (Mesh rashi ka roop):- मेष का अर्थ होता है भेड़ और इस राशि का चिन्ह भेड़ इसलिए दिया गया है कि जैसे भेड़ बहुत बलशाली होता है, ऐसे ही इस राशि वाले लोग लड़ने-भिड़ने में हमेशा ततपर रहते हैं और यह किसी से भी टक्कर लेने से नहीं डरते हैं|
मेष राशि का स्वामी गृह(Mesh rashi ka swami grah):- मेष राशि का स्वामी गृह मंगल होता है| मंगल एक उग्र स्वाभाव वाला गृह है और इसी कारण इस राशि का वर्ण लाल है| इस राशि के लोग सेना, पुलिस, डॉक्टरी के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रतिभा दिखाते हैं|
मेष राशि का तत्व और वर्ण (Mesh rashi ka tatvya aur varn) :- मेष राशि का तत्व मंगल गृह के प्रभाव से अग्नि तत्व होता है| इस राशि का वर्ण क्षत्रिय होता है|
मेष राशि वालों का व्यवसाय (Mesh Rashi walon ka Business):- मेष राशि का वर्ण क्षत्रिय होने के कारण यह लोग अस्त्र-शस्त्र और युद्ध कला में निपुण होते हैं| इस राशि के लोग उग्र स्वाभाव और साहसी होने के कारण देश की सुरक्षा जैसे सेना, पुलिस आदि में बहुत अच्छी प्रतिभा दिखाते हैं| इसके अतिरिक्त कानून से संबंधित कार्य जैसे वकील, जज जैसे पदों पर होते हुए कानून वयवस्था को लागू करने और इसकी रक्षा करते हैं|मेष राशि वाले चिकित्सा क्षेत्र में भी अच्छा कार्य कर सकते हैं|
मेष राशि वालों का स्वभाव (Mesh rashi walon ka swabhav):- जैसे हम ऊपर पढ़ चुके हैं कि मेष राशि का स्वामी गृह मंगल है और इसका वर्ण क्षत्रिय है, जिस कारण इस राशि वाले लोग वैसे तो किसी को कुछ कहते नहीं हैं, मगर यदि इनको गुस्सा आ जाए, तो फिर वह जल्दी शांत भी नहीं होते है| इनमें वैसे भी उग्र स्वाभाव दिखाई जरूर देता है| मगर इस राशि के लोग बाहर से जितने कठोर दिखाई देते हैं, अंदर से उतने ही नरम स्वभाव के होते हैं| किसी जरूरतमंद की मदद करना इनको बहुत पसंद है|मेष राशि अस्थिर राशि होने के कारण इस राशि के लोग किसी भी एक स्थान पर टिक्कर काम नहीं करते हैं, यह अपना पेशा भी बदलते रहते हैं| इस राशि वाले व्यक्ति के मन में यदि कोई कार्य करने की इच्छा आ जाए तो उसे तुंरत कर देते हैं, इनमें रुकने का धीरज नहीं होता, जिस कारण यह कई बार जल्द-बाज़ी में अपना नुक्सान भी करा लेते हैं| इस राशि वाले लोग जल्द किसी के सामने झुकते नहीं हैं, इसलिए इन्हे स्वतंत्र रूप में कार्य करना पसंद है|
मेष राशि का रत्न( Mesh Rashi ka ratna):- मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और उसका रत्न लाल मूंगा होता है| मगर इन राशि वालों को मंगल की और राशि की स्थिति देखकर ही रत्न धारण करना चाहिए| आप किसी अच्छे ज्योतिष से अपनी कुंडली दिखाकर ही रत्न धारण करें| यदि कुंडली में मंगल गृह योग गृह हो और त्रिक स्थानों में ना हो, तभी लाल मूंगा धारण करना चाहिए|
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