शाबर मंत्र साधना - What is Shabar Mantra
शाबर मंत्र की परिभाषा (What is Shabar Mantra)- आजकल के सम्य में हर कोई ऐसी साधना करना चाहता है जिसका उसको तुरंत फल प्रदान हो |इनके लिए यह शाबर मंत्र साधना सबसे सरल और शीघ्र सिद्ध होने वाली साधना है | कई बार हमारे किसी कार्य में ऐसी बांधा आ जाती है कि हर तरह का प्रयत्न करने पर भी कार्य सिद्ध नहीं होता है, इस तरह की बांधा को दूर करने के लिए शाबर मंत्र साधना सबसे उत्तम साधना है | इसके द्वारा आप अपना कोई भी कार्य आसानी से सिद्ध कर सकते हो |
शाबर मंत्र साधना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मंत्र कीलक नहीं होते हैं, अर्थात इनको जागृत करने की आवश्यकता नहीं होती है, यह मंत्र स्वम-सिद्ध होते हैं | शाबर मन्त्रों को आप बिना किसी विशेष विधि विधान से सिद्ध कर सकते हो | जैसे वैदिक मंत्र साधना में बहुत विधि विधानों को ध्यान में रखकर साधना करनी पड़ती है और वैदिक मन्त्रों में विशेष आसन, विशेष माला, विशेष सम्य, विशेष मंत्र उत्कीलन विधि अपनानी पड़ती है और यह मंत्र सिद्ध होने में सम्य भी अधिक लगता है | मगर शाबर मंत्र साधना में इसकी जरुरत नहीं होती | दूसरी शाबर मन्त्रों की विशेषता यह है कि इन मन्त्रों का उत्कीलन नहीं करना पड़ता है | शाबर मंत्र बहुत सरल भाषा में होते हैं यह वैदिक मंत्रों की तरह संस्कृत में नहीं होते, इसको कोई भी कम पढ़ा-लिखा व्यक्ति सिद्ध कर सकता है |
शाबर मंत्र के दुष्प्रभाव ( Side effects of Shabar Mantra) :- मैंने जैसे आपको बताया है कि शाबर मंत्र साधना और वैदिक मंत्र साधना में बहुत अंतर होता है | शाबर मंत्र साधना बहुत सरल विधि से सिद्ध हो जाती है जबकि वैदिक मंत्रों को सिद्ध करने के लिए हमें विशेष विधि विधान को अपनाना पड़ता है | मैं इसकी तुलना करके एक उदाहरण से समझाने की चेष्टा करूँगा | अपने देखा होगा कि जब आपको कोई बीमारी घेर लेती है तब आप उसका उपचार या तो आयुर्वेद दवाई द्वारा या एलोपेथी(अंग्रेजी) दवाई द्वारा करते हैं | जैसे आयुर्वेद दवाई द्वारा आपको आराम तो देरी से मिलता है मगर इस उपचार से एक तो आपकी बीमारी जड़ से ख़तम हो जाती है और दूसरा इसका आपके शरीर के ऊपर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता वहीं दूसरी और ऐलोपेथी (अंग्रेजी) दवाई से आपको आराम तो तुरंत मिल जाता है मगर यदि सही डॉक्टर की परामर्श के बिना यह दवाई ली जाए तो इसके आपके शरीर के ऊपर दुष्प्रभाव भी पड़ सकते हैं | इसी तरह से वैदिक मंत्र आयुर्वेद दवाई की तरह होते है, इसका फल तो हमें देरी से मिलता है मगर इसकी साधना की कोई तोड़ नहीं है और इस साधना से आपकी मुश्किलों का जड़ से ही खात्मा हो जाता है वहीं दूसरी और शाबर मंत्र ऐलोपेथी की करहा होते हैं जो काम तो तुरंत कर देते हैं मगर यह वैदिक मंत्रों के जितने प्रभावशाली नहीं होते, यदि इसकी साधना बिना किसी योग्य गुरु के बिना की जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकते हैं | इस सम्य शाबर मंत्र विद्या का ज्यादातर दुरूपयोग ही हो रहा है क्योंकि इसमें ज्यादातर उच्चाटन, विद्वेषण जैसी विद्या का प्रयोग लोग गलत कार्यों में करने लगे हैं | जैसे वशीकरण मंत्र का प्रयोग यदि किसी बाप का बेटा कहने में नहीं है या किसी पत्नी का पति दूसरी औरत के संपर्क में है, ऐसे कार्यों में वशीकरण का प्रयोग करना चाहिए| ऐसे ही उच्चाटन का प्रयोग यदि किसी का बच्चा किसी गलत संगत में फस गया है उसका वहां से मन उच्चाट करने के लिए उच्चाटन का प्रयोग करना चाहिए, मगर अफ़सोस आजकल इस विद्या का लोग अपने गलत स्वार्थ के लिए उपयोग कर रहें हैं, जिस कारण उनको इसके बहुत बड़े दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ते हैं | इसी लिए किसी अच्छे गुरु की परामर्श से ही यह साधना करनी चाहिए | यदि आपको हमारी इस पोस्ट में कोई भी शंका या संदेह है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते हैं |
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शाबर मंत्र का इतिहास ( History of Shabar Mantra):- सबसे पहले शिवजी ने जनकल्याण के लिए यह विद्या पार्वती माता को प्रदान की थी, उसके बाद नाथ संप्रदाय ने इस विद्या की रचना की है | गुरु गोरखनाथ इसके मुख्य रचईता हैं, उन्होंने कठोर तपस्या करके देवी-देवताओं से वरदान प्राप्त किए थे कि मेरे द्वारा रचित शाबर मंत्र विद्या की साधना करने वाले को तुरंत फल की प्राप्ति हो और इस तरह से देवी-देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त करके गुरु गोरखनाथ जी ने शाबर मंत्र विद्या का उत्कीलन करके इनको जागृत कर दिया था | इस तरह से गुरु गोरखनाथ द्वारा रचित शाबर मंत्रो की साधना आम लोगों के लिए बहुत आसान हो गई |
शाबर मंत्रों के प्रकार ( Types of Shabar Mantra):- शाबर मंत्र बहुत प्रकार के होते हैं | इसमें वशीकरण मंत्र, आकर्षण मंत्र, विद्वेषण मंत्र, सम्मोहन मंत्र, उच्चाटन मंत्र, रक्षा मंत्र, आसन मंत्र, कार्य सिद्धि मंत्र, झाड़ा करने के मंत्र, सिर दर्द के मंत्र, अनेक बिमारिओं के मंत्र कई ऐसे ही अन्य प्रकार के और भी बहुत मंत्र है, जिन्हे आप बहुत आसानी से सरल विधि द्वारा सिद्ध कर सकते हो | यह मंत्र हनुमान जी, भैरव जी, महाकाली जी, शिवजी, गोरखनाथ जी आदि देवी-देवताओं के होते हैं |
शाबर मंत्र कैसे सिद्ध करें :- शाबर मंत्र साधना या कोई अन्य साधना करनी हो तो उसमें सबसे पहली शर्त यह होती है कि साधक का मंत्र और साधना के ऊपर अटल विश्वास और श्रद्धा होनी चाहिए, यदि आपको अपनी साधना और मंत्र के प्रति थोड़ी सी भी शंका हो गई तो आप कभी भी सफल नहीं हो सकते, चाहे आप कितनी भी संख्या में जाप कर लो या कोई भी विधि अपना लो | दूसरी बात कि यह साधना में आपको कोई भी विशेष विधि नहीं अपनानी पड़ती, यह मंत्र भी बहुत सरल भाषा में होते हैं और इसमें कुछ मंत्रों को छोड़ कर आप जाप के लिए रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग कर सकते हो | इसमें आप सम्य कोई भी निर्धारित कर सकते हो, मगर जितने दिन साधना करनी है उतने दिन रोज़ाना सम्य एक ही होना चाहिए | शाबर मंत्र को आप किसी भी ग्रहणकाल, दीपावली, होली, दशहरा, अक्षय तृत्य वाले स्वं सिद्ध मुहर्त में एक दिन में ही सिद्ध कर सकते हो, इन शुभ मुहर्तों में शाबर मंत्र एक दिन में ही जागृत हो जाते है और कार्य करने लगते हैं |इसकी साधना में धूप और दीप जलाना भी अनिवार्य नहीं है मगर यदि आप धूप दीप जला कर और साथ एक पानी का लोटा रख कर साधना करो तो अधिक लाभ मिलेगा | साधना काल में बीच बीच यदि हवन भी करो तो अधिक प्रभावशाली हो जाते है | आप हमारे इस ब्लॉग में सरल हवन की विधि द्वारा भी हवन कर सकते हो | शाबर मंत्र की साधना यदि सही ढंग से एक दिन करने पर भी आपको इसकी शक्ति का आभास होने लगता है, आपको अपने पास किसी शक्ति का आभास होने लगता है|शाबर मंत्र के दुष्प्रभाव ( Side effects of Shabar Mantra) :- मैंने जैसे आपको बताया है कि शाबर मंत्र साधना और वैदिक मंत्र साधना में बहुत अंतर होता है | शाबर मंत्र साधना बहुत सरल विधि से सिद्ध हो जाती है जबकि वैदिक मंत्रों को सिद्ध करने के लिए हमें विशेष विधि विधान को अपनाना पड़ता है | मैं इसकी तुलना करके एक उदाहरण से समझाने की चेष्टा करूँगा | अपने देखा होगा कि जब आपको कोई बीमारी घेर लेती है तब आप उसका उपचार या तो आयुर्वेद दवाई द्वारा या एलोपेथी(अंग्रेजी) दवाई द्वारा करते हैं | जैसे आयुर्वेद दवाई द्वारा आपको आराम तो देरी से मिलता है मगर इस उपचार से एक तो आपकी बीमारी जड़ से ख़तम हो जाती है और दूसरा इसका आपके शरीर के ऊपर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता वहीं दूसरी और ऐलोपेथी (अंग्रेजी) दवाई से आपको आराम तो तुरंत मिल जाता है मगर यदि सही डॉक्टर की परामर्श के बिना यह दवाई ली जाए तो इसके आपके शरीर के ऊपर दुष्प्रभाव भी पड़ सकते हैं | इसी तरह से वैदिक मंत्र आयुर्वेद दवाई की तरह होते है, इसका फल तो हमें देरी से मिलता है मगर इसकी साधना की कोई तोड़ नहीं है और इस साधना से आपकी मुश्किलों का जड़ से ही खात्मा हो जाता है वहीं दूसरी और शाबर मंत्र ऐलोपेथी की करहा होते हैं जो काम तो तुरंत कर देते हैं मगर यह वैदिक मंत्रों के जितने प्रभावशाली नहीं होते, यदि इसकी साधना बिना किसी योग्य गुरु के बिना की जाए तो यह नुकसानदायक भी हो सकते हैं | इस सम्य शाबर मंत्र विद्या का ज्यादातर दुरूपयोग ही हो रहा है क्योंकि इसमें ज्यादातर उच्चाटन, विद्वेषण जैसी विद्या का प्रयोग लोग गलत कार्यों में करने लगे हैं | जैसे वशीकरण मंत्र का प्रयोग यदि किसी बाप का बेटा कहने में नहीं है या किसी पत्नी का पति दूसरी औरत के संपर्क में है, ऐसे कार्यों में वशीकरण का प्रयोग करना चाहिए| ऐसे ही उच्चाटन का प्रयोग यदि किसी का बच्चा किसी गलत संगत में फस गया है उसका वहां से मन उच्चाट करने के लिए उच्चाटन का प्रयोग करना चाहिए, मगर अफ़सोस आजकल इस विद्या का लोग अपने गलत स्वार्थ के लिए उपयोग कर रहें हैं, जिस कारण उनको इसके बहुत बड़े दुष्प्रभाव भी झेलने पड़ते हैं | इसी लिए किसी अच्छे गुरु की परामर्श से ही यह साधना करनी चाहिए | यदि आपको हमारी इस पोस्ट में कोई भी शंका या संदेह है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते हैं |
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नोट- नवग्रहों के बीज मंत्र की विधि|
*सूर्य बीज मंत्र *चंद्र बीज मंत्र *मंगल बीज मंत्र
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Navgrah ka sabrmantra sadhna ke dush prabhav ho sakta he kya?
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