हनुमान जी की साधना एक ऐसी साधना है, जिसके कुछ दिन करने पर ही आपको तरह-तरह की अनुभूतियाँ होनी शुरू हो जाती हैं | यदि किसी के ऊपर हनुमान जी की कृपा हो जाए तो उस व्यक्ति को किसी भूत-प्रेत, बुरी गृह दशा यहाँ तक के काल का भय भी नहीं रहता है , हनुमान जी के साधक का तीनों लोक में कोई अनिष्ट नहीं कर सकता| जब हम रोज़ाना उनकी साधना करने लग जाते हैं तो हमारे ऊपर उनकी प्रत्यक्ष रूप में कृपा होनी शुरू हो जाती है |
हम यहाँ पर आपको हनुमान जी का ऐसा रक्षा शाबर मंत्र बताएँगे, जिसकी साधना करके आप उनकी कृपा के पात्र बन पाओगे, अतः अपनी और अपने परिवार की रक्षा कर सकोगे | इस मंत्र से आप दुनिया का भी भला कर सकते हो | यहाँ पर एक बात यह भी समझ लीजिए कि हनुमान जी के साधक बनना इतना आसान भी नहीं है, उनकी साधना करने के भी कुछ नियम हैं | यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हो तो आपकी साधना कभी भी सफल नहीं हो सकती और आप हनुमान जी की कृपा के पात्र कभी नहीं बन सकते |
हनुमान साधना के नियम :- वैसे तो हनुमान जी की शाबर मंत्र साधना में इतने विधि विधान नहीं होते, मगर कुछ नियम ऐसे होते हैं जिसकी पालना करना बहुत आवश्यक होता है |
1. सबसे पहला और अनिवार्य नियम यह है कि हनुमान जी की साधना करने वालों को ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरुरी है, जितने दिनों का अपने अनुष्ठान करना है उतने दिन पूरी तरह से ब्रह्मचर्य रहना है और अनुष्ठान सम्पूर्ण होने के बाद भी यदि आप उनकी कृपा बनाए रखना चाहते हो तो अपनी पत्नी तक ही सीमित रहिए |
2. आपने हनुमान जी की कोई भी साधना करते हो तो यह याद रखिए के आप साधना काल में जितना राम नाम का जाप करोगे आपके ऊपर उतनी ज्यादा कृपा बरसेगी | साधना काल में यह सिमरन सारा दिन मन में चलता रहना चाहिए | इसके साथ एक तो आपके मन में नकारत्मक विचार नहीं आएंगे और दूसरा हनुमान जी राम नाम से बहुत प्रसन्न होते हैं |
3. मांस-मदिरा के सेवन का बिलकुल त्याग करना होगा |
4. हनुमान मंत्र साधना में यदि सिद्ध हनुमान यन्त्र को पूजा स्थान में स्थापित करके मंत्र साधना की जाये तो विशेष लाभ प्राप्त होता है।
यदि आप ऊपर दिए गए तीनों नियमों का पालन नहीं कर सकते, तो आप हनुमान जी की किसी भी साधना के बारे में सोचना भी मत |
हनुमान रक्षा शाबर मंत्र ( Hanuman Mantra):-
ॐ नमो वज्र का कोठा,
जिसमें पिंड हमारा बैठा,
ईश्वर की कुंजी, ब्रह्म का ताला,
मेरे आठों पहर का यति हनुमंत रखवाला |
मंत्र का अर्थ - वज्र (बहुत कठोर), कोठा( कमरा ), पिंड (शरीर), कुंजी (चाबी), ताला (ताला), आठों पहर (24 घंटे )
Mantra in English
Om namo wajar ka kotha,
Jisme pind hamara baitha,
Ishwar ki kunji, Brahm ka tala,
Mere aathon pehar ka yati hanumant rakhwala.
Meaning:- wajra(very strong), kotha(Room), Pind(Body), kunji(key), Tala(Lock), aathon pehar(24 hours).
साधना की विधि:- यह हनुमान रक्षा शाबर मंत्र साधना आप किसी भी शुकल पक्ष के मंगलवार को शुरू कर सकते हो | आप इस साधना के लिए सम्य सुबह या रात का कोई भी निर्धारित कर सकते हो, मगर साधना का सम्य और स्थान रोज़ाना एक होना चाहिए | इस साधना में आपने बैठकर साधना करने का आसान लाल रंग का रखना है, हनुमान जी की एक प्रतिमा होनी चाहिए, यदि संभव हो सके तो पूजा के सम्य देसी घी या चमेली के तेल का दीपक, धूप और जल रखें |साधना शुरू करने से पहले हनुमान जी की प्रतिमा को गंगाजल से साफ करके शुद्ध कर ले | उसके बाद अपने हनुमान जी की प्रतिमा को हनुमान सिंदूर से तिलक करके फिर खुद को तिलक करना है , उसके बाद यदि संभव हो तो दीपक प्रज्वल करके धूप और जल साथ रख ले |उसके बाद अपने बाए हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प लेते हुए बोलना है कि :- मैं अपना नाम पुत्र पिता का नाम गोत्र............. यह संकल्प लेता हूं कि मैं आज से 11 दिन ( आप 21, 31, 41 दिन का भी कर सकते हो ) का अनुष्ठान आरंभ करने जा रहा हूं, मैं आपकी कृपा से रोज़ाना एक माला जाप करूँगा, यदि मेरे से बीच में कोई गलती हो तो मुझे क्षमा करना और मेरे अंग सांग रहकर मेरे सभी कार्यों को सिद्ध करना |यह बोलकर जल धरती पर छोड़ देना है | यह संकल्प लेने वाली क्रिया सिर्फ पहले दिन ही करनी है|
उसके बाद अपने एक एक बार यह मंत्र बोलना है :- ॐ श्री गणेशाय नमः, ॐ श्री गुरुदेवाय: नमः, ॐ श्री कुलदेवाय: नमः इन सबको नमस्कार कर अपने सीधे बैठ कर श्रद्धा और लगन के साथ रुद्राक्ष या लाल मूंगे की माला से जाप करना शुरू कर देना है | अपने साधना के पहले दिन और आख़री दिन 5 लड्ड़ओं का भोग लगाकर बच्चों में बाँट देना है | कुछ दिन बाद हो सकता है कि आपको कुछ अनुभूतियाँ होनी शुरू हो, यदि उनकी कृपा से ऐसा कुछ होता है तो किसी से भी इसका जिक्र नहीं करना है | जब आपके अनुष्ठान के 11 दिन पूरे हो जाए तो यही संभव हो तो हवन जरूर करना, इसके साथ मंत्र अधिक जागृत होता है | यदि आपको हवन करना नहीं आता है तो आप हमारे ब्लॉग हवन की विधि पर क्लिक करके हवन की बहुत सरल विधि जान सकते हो | जब आपकी साधना सम्पूर्ण हो जाए उसके बाद भी अपना जाप जारी रखना है, मगर फिर आप अपना सम्य, स्थान और जप संख्या में बदलाव कर सकते हो | यदि आपको किसी बात की कोई शंका है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में मैसेज करके पूछ सकते हो | इसके साथ ही मैं समाप्ति करता हूं | जय जय राम
साधना की विधि:- यह हनुमान रक्षा शाबर मंत्र साधना आप किसी भी शुकल पक्ष के मंगलवार को शुरू कर सकते हो | आप इस साधना के लिए सम्य सुबह या रात का कोई भी निर्धारित कर सकते हो, मगर साधना का सम्य और स्थान रोज़ाना एक होना चाहिए | इस साधना में आपने बैठकर साधना करने का आसान लाल रंग का रखना है, हनुमान जी की एक प्रतिमा होनी चाहिए, यदि संभव हो सके तो पूजा के सम्य देसी घी या चमेली के तेल का दीपक, धूप और जल रखें |साधना शुरू करने से पहले हनुमान जी की प्रतिमा को गंगाजल से साफ करके शुद्ध कर ले | उसके बाद अपने हनुमान जी की प्रतिमा को हनुमान सिंदूर से तिलक करके फिर खुद को तिलक करना है , उसके बाद यदि संभव हो तो दीपक प्रज्वल करके धूप और जल साथ रख ले |उसके बाद अपने बाए हाथ में थोड़ा जल लेकर संकल्प लेते हुए बोलना है कि :- मैं अपना नाम पुत्र पिता का नाम गोत्र............. यह संकल्प लेता हूं कि मैं आज से 11 दिन ( आप 21, 31, 41 दिन का भी कर सकते हो ) का अनुष्ठान आरंभ करने जा रहा हूं, मैं आपकी कृपा से रोज़ाना एक माला जाप करूँगा, यदि मेरे से बीच में कोई गलती हो तो मुझे क्षमा करना और मेरे अंग सांग रहकर मेरे सभी कार्यों को सिद्ध करना |यह बोलकर जल धरती पर छोड़ देना है | यह संकल्प लेने वाली क्रिया सिर्फ पहले दिन ही करनी है|
उसके बाद अपने एक एक बार यह मंत्र बोलना है :- ॐ श्री गणेशाय नमः, ॐ श्री गुरुदेवाय: नमः, ॐ श्री कुलदेवाय: नमः इन सबको नमस्कार कर अपने सीधे बैठ कर श्रद्धा और लगन के साथ रुद्राक्ष या लाल मूंगे की माला से जाप करना शुरू कर देना है | अपने साधना के पहले दिन और आख़री दिन 5 लड्ड़ओं का भोग लगाकर बच्चों में बाँट देना है | कुछ दिन बाद हो सकता है कि आपको कुछ अनुभूतियाँ होनी शुरू हो, यदि उनकी कृपा से ऐसा कुछ होता है तो किसी से भी इसका जिक्र नहीं करना है | जब आपके अनुष्ठान के 11 दिन पूरे हो जाए तो यही संभव हो तो हवन जरूर करना, इसके साथ मंत्र अधिक जागृत होता है | यदि आपको हवन करना नहीं आता है तो आप हमारे ब्लॉग हवन की विधि पर क्लिक करके हवन की बहुत सरल विधि जान सकते हो | जब आपकी साधना सम्पूर्ण हो जाए उसके बाद भी अपना जाप जारी रखना है, मगर फिर आप अपना सम्य, स्थान और जप संख्या में बदलाव कर सकते हो | यदि आपको किसी बात की कोई शंका है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में मैसेज करके पूछ सकते हो | इसके साथ ही मैं समाप्ति करता हूं | जय जय राम
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ReplyDeleteAgar me Skukl pakhsh ke badle me krushn pakhsh me ye puja aramb karu to kya ye puja ho sakta hai?
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